43वीं
जूनियर नेशनल खो-खो चैम्पियनशिप
महाराष्ट्र ने लगातार 10वीं बार डबल गोल्ड
का ताज जीता
लड़कों ने 19वीं बार लगातार खिताब जीता;
लड़कियों ने 10वीं बार लगातार खिताब जीता
कुल मिलाकर, लड़कों
ने 35वां खिताब और लड़कियों ने 26वां
खिताब जीता
धाराशिव के जितेंद्र वसावे ने ‘वीर अभिमन्यु’ पुरस्कार जीता, सुहानी धोत्रे को ‘जानकी’ पुरस्कार
मिला
अलीगढ़, 29 नवंबर, 43वीं
जूनियर नेशनल खो-खो चैम्पियनशिप में, महाराष्ट्र की टीमों ने
लड़कों और लड़कियों दोनों श्रेणियों में लगातार 10वीं बार
चैम्पियनशिप जीतकर डबल गोल्ड का ताज अपने नाम किया।
उत्तर प्रदेश के
अलीगढ़ स्थित महारानी अहिल्याबाई होल्कर खेल स्टेडियम में आयोजित इस प्रतियोगिता
में शुक्रवार को खेले गए फाइनल मुकाबलों में महाराष्ट्र ने ओडिशा को हराकर यह जीत
दर्ज की। लड़कों की टीम ने लगातार 19वीं बार और लड़कियों की टीम ने लगातार 10वीं बार खिताब जीता। कुल मिलाकर, लड़कों ने 35वां और लड़कियों ने 26वां राष्ट्रीय खिताब अपने नाम
किया।
फाइनल मुकाबलों
का विवरण:
लड़कियों के
फाइनल में महाराष्ट्र ने ओडिशा को 24-20 से हराया। अश्विनी शिंदे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 3.30
और 2.30 मिनट का डिफेंस किया और 2 अंक भी बनाए। उन्होंने अपनी टीम को 4 अंकों और 5.10
मिनट के अंतर से जीत दिलाई। हाफटाइम तक महाराष्ट्र 14-10 से आगे था। तन्वी भोसले (2.10 मिनट डिफेंस), स्नेहा लमकाने (1.30 मिनट डिफेंस), और प्रणाली काले (1.10 मिनट डिफेंस और 4 अंक) ने भी योगदान दिया।
दूसरी पारी में
ओडिशा की डिफेंडर खिलाड़ियों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन महाराष्ट्र की सुहानी धोत्रे (1.20 मिनट डिफेंस और 6 अंक) और प्राजक्ता बिराजदार (2
मिनट डिफेंस) ने टीम की जीत सुनिश्चित की। संिका चाफे ने हर पारी
में चार खिलाड़ियों को आउट किया।
लड़कों के फाइनल
में महाराष्ट्र ने ओडिशा को 33-29 से हराकर 1.30 मिनट के अंतर से जीत हासिल की।
हाफटाइम तक महाराष्ट्र 18-14 से आगे था। जितेंद्र वसावे (2.30
और 1.20 मिनट डिफेंस, 4 अंक)
और कृष्णा बंसोडे (1.40 और 1.40 मिनट
डिफेंस, 4 अंक) के ऑलराउंड प्रदर्शन ने जीत में अहम भूमिका
निभाई। पार्थ देवकते और प्रेम दलवी ने 6-6 अंक अर्जित किए।
पुरस्कार और
सम्मान:
- वीर अभिमन्यु पुरस्कार: जितेंद्र वसावे (धाराशिव)
- जानकी पुरस्कार: सुहानी धोत्रे (धाराशिव)
- सर्वश्रेष्ठ अटैकर: प्रेम दलवी (सांगली, महाराष्ट्र), लीसा रानी (ओडिशा)
- सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर: बापी मुर्मू (ओडिशा), तन्वी भोसले (धाराशिव, महाराष्ट्र)
ड्रीम पॉइंट्स:
इस साल
प्रतियोगिता में "ड्रीम पॉइंट्स" का परिचय दिया गया। एक बैच के खिलाड़ी
अगर 4 मिनट तक डिफेंस करते हैं, तो उन्हें ड्रीम पॉइंट्स मिलते हैं। महाराष्ट्र के लड़कों ने 1 और लड़कियों ने 4 ड्रीम पॉइंट्स अर्जित किए, जबकि ओडिशा के लड़कों ने 1 ड्रीम पॉइंट अर्जित किया।
अधिकारियों की
टिप्पणियाँ:
- चंद्रजीत जाधव (सचिव, महाराष्ट्र खो-खो संघ): ओडिशा ने खेल के बुनियादी ढांचे में काफी निवेश किया
है। हालांकि महाराष्ट्र में इस तरह की सुविधाओं की कमी है, लेकिन टीम की रणनीति और टीमवर्क ने
जीत सुनिश्चित की।
- अजित पवार (संरक्षक, महाराष्ट्र खो-खो संघ): खिलाड़ियों और कोचों ने असाधारण प्रदर्शन किया और महाराष्ट्र को गर्वित किया। सभी को बधाई।
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